
नई दिल्ली NCR केंद्र के कृषि क़ानूनी के खिलाफ किसानो का रोष काम होने का नाम ही नहीं ले रहा आये दिन कुछ न कुछ अलग तरह का फैसला लिया जा रहा है अब देख लो न सरकार फैसला सही नहीं ले पा रही और किसान भी कुछ ऐसा ह चला आ रहा है और किसान ने पुलिस से ट्रैक्टर की रैली निकलने का फैसला लिया है और प्रस्ताव दिया है 26 जनवरी को पर पुलिस ने मन कर दिया है और सिंघु बॉर्डर पर बैठे किसान का कुछ सही फैसला नहीं ले पा रही है किसान ट्रैक्टर परेड के लिए प्रस्ताव दिया था पर मनाही नहीं करी किसान आंदोलन और कितनी अग्नि परीक्षाओं से गुज़रेगा अभी कुछ कहा नहीं जा सकता इस आंदोलन में हर दिन कोई न कोई नयी साज़िश या आंदोलन विरोधियों के शब्दों में कहें तो हर रोज़ नया ड्रामा सामने आ रहा है अब ये षडयंत्र है या ड्रामा इस फैसला पोलिस करेगी लेकिन जो दिखाई दे रहा है उसे बताने में कोई हर्ज नहीं हैसरकार और मीडिया के अनुसार इस आंदोलन में पंजाब अलगाववादी, उग्रवादी, नक्सलवादी, टुकड़े टुकड़े गैंग ये देश द्रोही ताकतें अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुकी हैंसरकार से ज़्यादा एक पक्षीय मीडिया इसको लेकर चिंता व्यक्त कर रही है बल्कि भांड की तरह अपना गला फाड़ फाड़ कर चिल्लाकर अपना गला बैठा चुकी है किसी आंदोलन में इस तरह आंतकवादी अलगावादियों का दिखाई देना कोई नयी बात नहीं है अभी कुछ समय पहले CAA के विरोध में हुए शाहीन बाग आंदोलन में भी यही सब कहा जा रहा था लेकिन पकड़ा कोई नहीं गया इसलिए इस किसान आंदोलन में भी कोई पकड़ा नहीं जाएगा जब तक आंदोलन चलेगा ऐसी अफवाहें चलती रहेंगी कल की घटना इसी बात की तरफ इशारा करती है कि इस आंदोलन को अभी और गालियां खानी पड़ेगी और इल्ज़ाम सहने पड़ेंगे फैसला सरकार को नहीं जनता को करना है कि आप किसके साथ हैं आंदोलन चलाने वालों के साथ या आंदोलन मिटाने वालों के साथ..ये भूमिका कल सिंघु बॉर्डर पर हुई घटना के संदर्भ में है घटना क्या है आप भी जान लीजिए