हिंसा में बदली किसान रैली
हाईलाइट्स
गणतंत्र :राजपथ पर लहराया तिरंगा राफेल की ताकत से जगमगाया आसमान
लोकतंत्र :किसानो की रैली तट रूटपर निकालनी थी लेकिन नहीं हुआ
भीड़तंत्र : लाल किले पर निशान साहिब लगा ,कई जगह टकराव और हिंसा
ऐसे शुरू हुआ बवाल ?

- दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर से सुबह 11 बजे के आस पास ट्रैक्टर रैली शुरू हुई आरोप है की तय समय से पहले ही बैरिकेट तोड़ते हुए ट्रैक्टर आगे बढ़ाने लगे ।
- गाज़ीपुर से निकले कई किसान यु टर्न लेकर वापस हो गए लेकिन कुछ लोग जबरन आगे बढ़ाने लगे और अक्षरधाम और ITO पर पुलिस से भीड़ गए।
- ITO पत्थरबाज़ी शुरू और लाठीचार्ज भी चालू करनी पड़ी पर किसान नहीं मन रहे थे और लाठीचार्ज के बाद भीड़ लाल किले पर जमा होने लगी बहुत मसक्कत के बाद पुलिस ने शाम तक भीड़ को कंट्रोल किया और इलाका खली कराया।
- शाहदरा के चितिमाड़ी चौक , नागलोई चौक और मुकरबा चौक पर सीमेंट के बैरिकेट तोड़े गए पुलिस ने खदेड़ा।
राजधानी नई दिल्ली :में रिपब्लिक डे के दिन निकली गयी किसान रैली के दौरान हिंसा हुई सबसे ज्यादा बवाल ITO , लाल किला ,मुबरक चौक ,नागलोई , में हुई पुलिस को मजबूरन में लाठीचार्ज करना पड़ा और आँसू गैस के गोले भी फेके गए इन घटनाओ में कई घायल हुए जिनमे 86 पुलिस कर्मी भी है तय कार्येकर्म के मुताबिक ट्रैक्टर रैली को अलग -अलग बॉर्डरों से राजधानी में दाखिल होकर यु टर्न लेते हुए वापस जाना था लेकिन कुछ लोग ने यु टर्न नहीं लिया और वह बैरिकेट को तोड़ कर आगे बढ़ने लगे गाज़ीपुर से निकले कुछ लोग अक्षरधाम होते हुए ITO पहुंचे गए जहा पुलिस से उनकी भिड़त हो गयी और पथरबाज़में कई गाड़ियों को नुकसान पहुंचा फिर लोग लाल किला पहुंचे गए कुछ युवको ने लाल किले पर निशान साहिब फेहरा दिया बाद में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को वह से हटाया गया आपको बता दे हमरे पुरे हिन्दुस्थान में ऐसा अपमान कभी नहीं हुआ